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भारत में म्यांमार के मुस्लिम शरणार्थियों की नई चिंताऐं

18:03 - February 20, 2017
समाचार आईडी: 3471212
अंतरराष्ट्रीय समूह: कुछ भारतीय राजनीतिक दलों द्वारा रोहंगयाई को "जम्मू एवं कश्मीर" (उत्तर-पश्चिम भारत) के राज्य से निष्कासित करने पर आधारित भेदभावपूर्ण मांग ने म्यांमार के मुस्लिम शरणार्थियों की चिंताओं को बढ़ा दिया है।

रोहंगयाईयों को निष्कासित करने के लिए भारत के राजनीतिक दलों की मांग पर चिंता

अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) अरकान समाचार एजेंसी के हवाले से, भारत की सत्तारूढ़ पार्टी (भारतीय जनता पार्टी) सहित कुछ राजनीतिक पार्टियों की रोहंगयाईयों के निर्वासन व निष्कासन पर आधारित मांग ने, उत्तर पश्चिम भारत में स्थित "जम्मू एवं कश्मीर" राज्य में म्यांमार के मुस्लिम शरणार्थियों की आशंका को बढ़ा दिया है।

भारतीय राजनीतिक दलों ने ऐक भेदभावपूर्ण कार्वाई में बैनरों व बोर्डों को स्थापित करके, रोहिंग्या शरणार्थियों से जो अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं, तुरंत राज्य छोड़ने की अपील की है।

भारतीय राजनीतिक दलों ने अपनी इस मांग की, जातीय और सांस्कृतिक कारणों और इतिहास, संस्कृति और क्षेत्र की पहचान की रक्षा करने के बहाने तौजीह की है।

"मोहम्मद सादिक", रोहिंग्याई शरणार्थियों में से एक ने जो 40 वर्ष उम्र के हैं इस बारे में कहा, 'मैं जम्मू-कश्मीर राज्य में कुछ साल पहले आया हूं और इन बैनर को देखने के समय से आते हैं, असुरक्षा की भावना चरम पर है"।

यह भेदभावपूर्ण मांग उस समय कुछ भारतीय राजनीतिक दलों द्वारा पेश की गई है कि रोहिंग्याई मुस्लिम अल्पसंख्यक म्यांमार के राज्य "राखिन" में गंभीर और अप्रिय स्थिति में हैं और रोहिंग्याई मुसलमान अक्टूबर से अब तक सेना और बौद्ध लड़ाकों द्वारा क्रूर कार्रवाई का शिकार हुऐ हैं इस तरह कि अब तक दसियों हजार रोहंगयाई लोग बांग्लादेश भाग गए हैं।

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