अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) ने «PRNewswire» समाचार के अनुसार बताया कि अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशंस इकाई के कार्यकारी निदेशक ने कहा कि सऊदी अरब में ट्रम्प का कल का भाषण जाहिर तौर पर मुस्लिम दुनिया के साथ आगे संबंधों के लिए था लेकिन एक भाषण इस्लामोफोबिया और नीतियों को ख़तम कर दे।
उन्होंने कहा कि ट्रम्प सरकार ने कोशिश किया कि अमेरिका में मुसलमानों के प्रवेश को रोके और उनके प्रशासन अदालत में ऐसा करने से रक्षा करते थे।
नेहाद एवज़ ने कहा कि नई नीतियां और निर्णायक कार्रवाई ना कि केवल तकरीर मुस्लिम दुनिया के साथ संबंधों में सुधार के लिए आवश्यक है।
कार्यभार संभालने के बाद से ट्रम्प ने अपनी पहली विदेश यात्रा पर शनिवार को 20 मई को सऊदी अरब आया और सऊदी अरब और अमेरिका के बीच $ 110 अरब मूल्य के एक महंगे हथियार सौदे पर हस्ताक्षर किया।
ट्रम्प ने कल रियाद में आयोजित 40 मुस्लिम देशों के नेताओं की एक बैठक में तकरीर किया उसने कहा कि और इस क्षेत्र में ईरान को आतंकवाद और अस्थिरता के स्रोत के रूप में बताया