6 वर्षीय नाइजीरियाई हाफ़िज़: मैं डॉक्टर बनना चाहता हूँ
अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) समाचार साइट «naij» के अनुसार , « सलीम अब्दुल करीम," 6 वर्षीय नाइजीरियाई हाफ़िज हिफ़्ज़े कुरान को मई 2016 में शुरू किया और मई 2017 में पूरा कर लिया।
उसने पत्रकारों के साथ एक साक्षात्कार में कहा: मैं चाहता हूं कि एक डॉक्टर बनूं और मेरा अंतिम लक्ष्य अपने देश नाइजीरिया के विकास और समृद्धि में योगदान देना है,यदि मेरा सपना सच होजाऐ, तो मैं रोगियों का इलाज कर के लोगों की सेवा करना चाहता हूं।
"Mlam हमज़ा जिब्रिल" सलीम के कुरानी स्कूल के प्रिंसिपल ने उसकी सफलता के बारे में कहा:सलीम के पिता प्रोफेसर 'अब्दुल करीम अहमद" ने मई महीने 2016 में इस स्कूल में लाऐ ता कि कुरान सीखे, जबकि सलीम कुरान की अल्फ़ा बेड "वर्णमाला” तक नहीं जानता था और मजबूर थे कि बुन्याद से शुरू करें।
उन्होंने कहा: कभी-कभी आम छुट्टियों में उसके पिता सलीम घर जाने की अनुमति उसे नहीं देते थे और जोर देकर कहते थे कि वह कुछ कुरान पाठ्यक्रमों में भाग ले।
जिब्रिल ने इस ओर इशारा करते हुऐ कि सऊदी अरब के कुरान टूर्नामेंट में भेजा जा रहा है कहाः कि यह कि चौथे या पांचवीं बार है कि पूरे क़ुरान के हाफ़िज़ों को जो कि हमारे स्कूल में प्रशिक्षित हुऐ हैं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में तैनात किया जाता है।
सलीम के पिता ने कहा, हमें इस तथ्य को स्वीकार करना चाहिए कि बच्चों की परवरिश माता-पिता का कर्तव्य है और इसी कारण बच्चों को कुरान शिक्षण देना माता-पिता द्वारा गंभीरता से लिया जाना चाहिए।