राख़ीन में म्यांमारी मुसलमानों के आने जाने पर कर्फ्यू नियम
अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार ऐजेंसी (IQNA) समाचार «स्ट्रेट्स टाइम्स» के अनुसार, म्यांमार सरकार ने संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों द्वारा बराबर चेतावनियों के बावजूद, सैकड़ों सैनिकों को इस राज्य के लिए भेजे हैं।
म्यांमार सरकार, राख़ीन में सेना की उपस्थिति बढ़ाने के साथ, इस क्षेत्र में रोहिंग्याई मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ गंभीर दमन की संभावना के बारे अंतरराष्ट्रीय चिंता को उत्तेजित किया है।
अब बहुत से ग्रामीणों के मुस्लिम अपने घरों से बाहर जाने की भी हिम्मत नहीं रखते हैं।
राख़ीन में सात बौद्ध शव पऐ जाने के बाद म्यांमार सरकार द्वारा यह नए निर्णय लिऐ गए हैं और सरकार को दोबारा फिर आरोप की उंगली रोहिंग्याई मुस्लिम अल्पसंख्यक पर उठने लगी और संभव है कि फिर से इस धार्मिक अल्पसंख्यक को सामूहिक सजा का लक्ष्य बनाया जाऐ।
पिछले साल भी 9 बार्डर फ़ोर्स के मारे जाने के बाद और सरकार द्वारा मुसलमानों को चिन्हित करने के बाद, रोहिंग्याई मुस्लिमों के खिलाफ गंभीर दमन अंजाम दिया गया।
पिछले साल दमन के नतीजे में, इस अल्पसंख्यक मुसलमानों से 75 हजार लोग बांग्लादेश भाग गऐ जबकि कुछ मारे गऐ और अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया, उनमें से कुछ के साथ अत्याचार किया गया और कई घरों में आग लगा दी गई।