IQNA की रिपोर्ट, अलQuds अल Arabi समाचार साइट के अनुसार, शेख बशीर विन हसन, ट्यूनीशियाई मिशनरी ने फेसबुक सामाजिक नेटवर्क पर अपने खाते में सऊदी अधिकारियों की नीतियों की सूरे "मोमिनून" की पहली आयतों के मुनासिबत से सामग्री का उपयोग करते हुऐ इस देश द्वारा इसराइल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की आलोचना की।
उन्होंने स्पष्ट कियाःकि सऊदी अधिकारी तौहीदी ज़मीन पर रहने का दावा करते हैं जब कि वह लोग संवयं श्रिक में सीमित व मुब्तेला हैं।
इस ट्यूनीशियाई प्रचारक ने इस संदेश में, आले सऊद की नीतियों का उपहास करते हुए लिखा: "«قد أفلح المواطنون، الذين هم لولي العهد مبايعون، والذين هم لقطر مقاطعون، والذين هم للتطبيع مع إسرائيل مؤيدون», (वह नागरिक सफल हैं जो कि मुकुट राजकुमार के साथ शपथ ग्रहण करें और कतर पर प्रतिबंध लगाऐं और इस्राएल के साथ संबंधों के सामान्यीकरण का समर्थन करें)
जबकि साइबर स्पेस के कुछ उपयोगकर्ता ओं ने बिना किसी विशेष तर्क और दलील के, इन मुहावरों को प्रकाशित करके जो सूरा अल-मोमिनून की मूल आयतों, "قَدْ أَفْلَحَ الْمُؤْمِنُونَ ﴿۱﴾ الَّذِينَ هُمْ فِي صَلَاتِهِمْ خَاشِعُونَ ﴿۲﴾ وَالَّذِينَ هُمْ عَنِ اللَّغْوِ مُعْرِضُونَ ﴿۳﴾ وَالَّذِينَ هُمْ لِلزَّكَاةِ فَاعِلُونَ ﴿۴﴾ وَالَّذِينَ هُمْ لِفُرُوجِهِمْ حَافِظُونَ "﴿۵﴾, की स्पष्ट संरचना के लिए उपयुक्त हैं पवित्र कुरान का अपमान जाना और दिव्य पुस्तक की आयतों को विकृत माना, और इस ट्यूनीशियाई मिशन की आलोचना करना शुरू करदी।
बशीर इब्न हसन को सऊदी नीतियों की लगातार आलोचना के लिए जाना जाता है। उन्होंने कुछ समय पहले हज की आध्यात्मिक यात्रा से संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा राजस्व का दावा करते हुऐ इस देश के हाजियों की यात्रा को रद्द करन की मांद की थी।
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