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हमें जीने की इजाजत नहीं है!

कोई भी देश उन्हें नहीं चाहता, लेकिन उन्हें हिफाज़त करना होगा। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का आधिकारिक कथन बताता है कि रोहिंग्या को स्वेच्छा से म्यांमार में सुरक्षा और सम्मान में शामिल होना चाहिए। हालांकि, यूएन के अधिकारियों का दावा है कि रोहिंग्या शरणार्थी संभवत: वर्षों से म्यांमार नहीं लौट पाएंगे। रोहिंग्या शरणार्थी शिविर दक्षिणपूर्वी बांग्लादेश में स्थित है, जहाँ लगभग एक मिलियन मुस्लिम म्यांमार के निवासी दुनिया में सबसे बड़े शरणार्थी शिविर बन ग़या है। रोहिंग्या एक जनजाति है जिसके अधिकांश मुस्लिम हैं और 2017 के अंत में म्यांमार की सेना द्वारा बड़े पैमाने पर नरसंहार किया गया था।