अनातोली के हवाले से IQNA की रिपोर्ट, कल, 25 अगस्त को नीदरलैंड में रोहिंग्या अधिकारों का रक्षा करने वाले ऐक मानवाधिकार समूह ने ट्विटर पर एक पोस्ट के साथ लिखा:रोहिंग्या मुसलमानों ने संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ, इस्लामिक सहयोग संगठन और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) से नरसंहार के अपराधियों को कोर्ट भेजने के लिऐ समर्थन की मांग की है।
हिंसा पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी की निंदा करते हुए, इस समूह ने जोर देकर कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय रोहिंग्या नरसंहार के बचे लोगों की स्थित की इंवेस्टीगेशन करने में विफल रहा है, लेकिन रोहिंग्या लोग अभी भी अपने अधिकारों की ट्रैकिंग कर रहे हैं।
इस समूह ने इसी तरह म्यांमार में रोहिंग्याइयों की वापसी को नहीं बल्कि न्याय प्रशासन और युद्ध अपराधों के अपराधियों पर मुकदमा चलाने को सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में देखता है।
मुक्त रोहिंग्याई गठबंधन के प्रमुख मोंग ज़ार्नी ने भी म्यांमार की सेना की मुक़दमा न चलाने पर कड़ी आलोचना की।
मानवाधिकार समूह (गारंटीड राइट्स) ने भी म्यांमार सेना से उन अपराधों के लिए तत्काल प्रतिक्रिया की मांग की, जो उसने राख़ीन राज्य में मुसलमानों के खिलाफ किए थे।
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