उम्मत की एकता ईश्वरीय दया का एक संकेत है
अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) इस्लामी स्कूलों के लिए निकटता विश्व मंच के जनसम्पर्क के अनुसार, अयातुल्ला मोहसिन Araki, इस्लामी स्कूलों के लिए निकटता विश्व मंच के महासचिव ने अपनी भारत यात्रा जारी रखते हुऐ शुक्रवार शाम, 10 फरवरी को "उम्मत की एकता" सम्मेलन में जो "बेंगलुरू" के 250 से अधिक सुन्नी और शिया उलमा की मौजूदगी में इस शहर में आयोजित किया गया, सूरऐ फतह की आयत 29 « وَالَّذينَ مَعَهُ أَشِدّاءُ عَلَى الكُفّارِ رُحَماءُ بَينَهُم تَراهُم رُكَّعًا سُجَّدًا يَبتَغونَ فَضلًا مِنَ اللَّهِ وَرِضوانًا سيماهُم في وُجوهِهِم مِن أَثَرِ السُّجودِ»، " की ओर इशारा करते हुऐ कहाः यह आयत भगवान के दूत और उसके मैसेंजर के साथियों की विशेषता बयान कर रही है।
निकटता के विश्व मंच के महासचिव ने कहा कि आज जो लोग मुसलमान होने का दावा कर रहे हैं इजरायल और अमेरिका की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाऐ हैं और मुसलमानों को मुसलमानों से लड़ने के लिऐ आमंत्रित कर रहे हैं। यह लोग वह हैं कि बजाय इसके कि नेकी का हुक्म करें और बुराई से रोकें दुर्भाग्य से बुराई का आदेश और नेकी से मना कर रहे हैं।
अयातुल्ला Araki ने बल दिया, सबसे प्रसिद्ध नेकी मुस्लिम एकता है और एक सबसे बड़ी बुराई इस्लामी उम्मत में युद्ध और संघर्ष है।
अयातुल्ला Araki ने आगे चल कर हाल के कुछ वर्षों में क्षेत्र की घटनाओं विशेष रूप से सीरिया विषय की ओर इशारा किया और कहाः सीरिया में घटनाक्रम अमेरिका और इसराइल द्वारा इस्लामी प्रतिरोध को कम करने के लिए दिया गया है यदि सीरिया का शासन नष्ट होगया तो प्रतिरोध के सभी तरीकों का पतन हो जाऐगा ।
उन्होंने कहा कि आज सीरिया की रक्षा मुसलमानों की रक्षा है और यदि यह न किया जाता न केवल सीरिया बल्कि इराक, लेबनान और यमन सब खो जाता।
अयातुल्ला Araki ने बल दिया: सभी को निश्चित रूप से पता है कि मुस्लिम दुनिया में वैज्ञानिक और धार्मिक नेताओं में इस्लामी गणराज्य ईरान के नेताओं से अधिक मुसलमानों के लिए दयालु नहीं हैं।
अंत में निकटता के विश्व मंच के महासचिव ने एक 20 जिल्दी विश्वकोश «السنه النبویه فی مصادر المذاهب الاسلامیه» को अमीर शरीयत, सुन्नी स्कूल सबीलुर्रिशाद बैंगलोर के प्रमुख को दिया।
इसके अलावा मनोचहर मुत्तकी, निकटता के विश्व मंच के अंतरराष्ट्रीय मामलों के सहायक ने इस सम्मेलन में बोलते हुऐ कहा कि इस्लामी दुनिया में मौजूदा स्थिति को इंगित करता है कि अंतर और विभाजन बनानेमें कुछ हाथ काम कर रहे हैं, इसलिए हमें जागरूक रहना चाहिए।
उन्होंने इस बयान के साथ कि इस्लामी क्रांति का संदेश हमेशा इस्लामी उम्मा की एकता रहता है कहा: इमाम खुमैनी (र.) ने कहा कि जो कोई शिया और सुन्नी के बीच अंतर व मत भेद की बात करे वह न शिया है और न ही सुन्नी।
निकटता के विश्व मंच के अंतरराष्ट्रीय मामलों के सहायक ने कहा: क्या आज दाइश और अल-कायदा और अतिवादी समूहों ने जो इस्लाम की छवि प्रदान की है दया के पैगंबर के संदेश के अनुसार है?
मुत्तकी ने जोर देकर कहा कि जो लोग इराक और सीरिया में असुरक्षा की भावना पैदा कर रहे हैं विदेशी ऐजेंट हैं न कि सीरिया और इराक के लोग,यह विदेशी हथियारबंद लोग इराक और सीरिया में क्या कर रहे थे?
मौलवी नज़ीर अहमद सलामी, निकटता के विश्व मंच के सदस्य भी इस सम्मेलन के प्रवक्ता थे कि अपने भाषण में कहाःऐकता का उद्देश्य यह नहीं है कि सुन्नी,शिया होजाऐ या शिया,सुन्नी होजाऐ बल्कि मक़्सद यह है कि सभी इस्लामी फ़िर्क़े अपनी व्यावसायिकता और मस्लक की रक्षा करते हुऐ, साझा दुश्मन के खिलाफ एकजुट हों।
मौलवी नज़ीर अहमद सलामी ने कहा कि इस्लामी दुनिया की सभी समस्याओं का मुख्य कारण इख़्तेलाफ़ है और इन समस्याओं से बाहर का रास्ता ऐकता है इस लिऐ यदि आप इस्लामी उम्मत के लिऐ चाहतें है, एकता को बनाए रखें।