बर्मिंघम मेल द्वारा उद्धृत इकना के अनुसार, "(The Strength of the Hijab)" नामक कला का यह काम मुस्लिम महिलाओं के एहतेराम के लिए बनाया गया है।
प्रसिद्ध अंग्रेजी कलाकार ल्यूक पेरी ने 6 महीने में यह स्टैचू बनाई और यह उन मुस्लिम महिलाओं से प्रेरित थी जो महसूस करती हैं कि उनको नजरअंदाज किया गया है।
"द पावर ऑफ द हिजाब" शीर्षक वाली कलाकृति में एक मुस्लिम महिला को हिजाब पहने हुए दिखाया गया है, जिसके पाए पर यह लिखा हुआ है: "एक महिला का यह अधिकार है कि उसको तवज्जो दी जाए और जो भी वह चुनती है उसका एहतराम किया जाए"।
कलाकार ने कहा कि उन्हें इस क्षेत्र की मुस्लिम महिलाओं से बात करके मूर्तिकला बनाने की प्रेरणा मिली, जिन्होंने महसूस किया कि समाज में उनको नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा: मैं वास्तव में इस काम के परिणाम से राज़ी हूं। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें जो फीडबैक मिल रहा है वह अब तक बहुत अच्छा रहा है।
उन्होंने आगे कहा, इस काम का विचार उन मुस्लिम महिलाओं के साथ बातचीत से लिया गया, जिनके साथ मैंने Community Connect में काम किया था।
इस कलाकृति को बनाने में छह महीने लगे, (The Strength of the Hijab) अक्टूबर में बर्मिंघम के स्मेथविक में स्थापित की जाएगी। ऐसा माना जाता है कि यह सिर ढंकने वाली महिला की दुनिया का पहला स्टैचू है। स्टैचू पांच मीटर ऊंचा है और इसका वज़न लगभग एक टन है। इसे Legacy West Midlands द्वारा बनवाया गया था और यह स्टील से बना है जिसे गैल्वेनाइज्ड किया जाएगा।
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